बैंक चेक देते वक्त ये गलती ना करें, वरना हो सकता है भारी नुकसान Bank Cheque Rule

By Prerna Gupta

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Bank Cheque Rule

Bank Cheque Rule – अगर आप बैंकिंग करते हैं और लेनदेन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। कई बार लोग बिना सोचे-समझे चेक पर साइन कर देते हैं और बाद में उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ता है। खासकर अगर आपने चेक के पीछे साइन कर दिया, तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। आज हम आपको आसान भाषा में समझाने जा रहे हैं कि चेक से जुड़े किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए और कब चेक के पीछे सिग्नेचर करना ठीक होता है।

चेक क्या होता है और इसका इस्तेमाल कैसे होता है?

चेक एक ऐसा लिखित दस्तावेज होता है जो बैंक को आदेश देता है कि वह किसी व्यक्ति या संस्था को तय रकम का भुगतान करे। जब भी दो लोगों या दो पक्षों के बीच पैसों का लेनदेन करना होता है, तो अक्सर चेक को एक सुरक्षित और सुविधाजनक माध्यम के तौर पर देखा जाता है। चेक से लेनदेन करने पर बैंकिंग रिकॉर्ड भी बनता है जिससे ट्रांजेक्शन का ट्रैक रखा जा सकता है। हालांकि, चेक का इस्तेमाल करते वक्त कुछ जरूरी सावधानियां बरतना जरूरी है, वरना आपकी एक छोटी सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।

चेक के पीछे सिग्नेचर करने का मतलब क्या होता है?

हर चेक के पीछे सिग्नेचर करना जरूरी नहीं होता। ये सिर्फ कुछ खास परिस्थितियों में किया जाता है, जैसे कि बियरर चेक के मामले में। बियरर चेक ऐसा चेक होता है जिसमें किसी प्राप्तकर्ता का नाम नहीं लिखा होता, यानी जिसे भी वह चेक मिलता है, वह उसे बैंक में जाकर कैश करा सकता है। अब अगर आपने ऐसे बियरर चेक के पीछे साइन कर दिया, तो बैंक इसे इस रूप में लेगा कि आपने उस व्यक्ति को पैसे निकालने की अनुमति दे दी है। अगर वह चेक गलत हाथों में चला गया, तो आपका पैसा भी चला जाएगा और बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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बियरर चेक के खतरों से कैसे बचें?

बियरर चेक का सबसे बड़ा खतरा यही होता है कि अगर वह किसी गलत व्यक्ति के पास चला गया, तो वह बैंक से पैसे निकाल सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा। ऐसे में साबित करना मुश्किल हो जाता है कि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसलिए, सबसे अच्छा उपाय यह है कि आप हमेशा “A/C Payee Only” यानी खाता-निर्दिष्ट चेक का इस्तेमाल करें। चेक पर ये शब्द लिखने से वह सिर्फ उस व्यक्ति के बैंक खाते में ही जमा हो सकता है जिसका नाम चेक पर लिखा गया है। इससे ट्रांजेक्शन सुरक्षित हो जाता है।

इसके अलावा, चेक पर कभी भी जगह खाली न छोड़ें। हमेशा रकम, तारीख और प्राप्तकर्ता का नाम अच्छे से भरें और बिना किसी जरूरत के चेक के पीछे साइन न करें। ये छोटी-छोटी सावधानियां आपके पैसे को सुरक्षित रख सकती हैं।

चेक से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां जो हर खाताधारक को जाननी चाहिए

बचत खाता या चालू खाता रखने वाला कोई भी व्यक्ति चेक जारी कर सकता है, लेकिन चेक जारी करते वक्त कुछ बातें याद रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले तो चेक पर तारीख डालना जरूरी है, क्योंकि बिना तारीख के चेक को बैंक अमान्य मानता है। इसके अलावा, चेक की वैधता उसकी जारी होने की तारीख से 3 महीने तक होती है। चेक पर रकम शब्दों और अंकों दोनों में साफ-साफ लिखी होनी चाहिए और उसमें किसी तरह की ओवरराइटिंग नहीं होनी चाहिए।

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चेक के नीचे जो 9 अंकों का MICR कोड होता है, वह चेक क्लीयरेंस में मदद करता है। इसके अलावा, सिग्नेचर साफ और आपके बैंक रिकॉर्ड से मेल खाते होने चाहिए। अगर सिग्नेचर मेल नहीं खाता, तो चेक रिजेक्ट हो सकता है। प्राप्तकर्ता का नाम भी पूरी स्पष्टता से लिखा जाना चाहिए ताकि किसी तरह का भ्रम न हो।

बिना जानकारी के चेक देना पड़ सकता है भारी

अगर आप किसी को चेक दे रहे हैं या चेक पर साइन कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप पूरी जानकारी के साथ यह करें। बिना जाने-समझे चेक देना या उसके पीछे साइन कर देना आपको कानूनी और आर्थिक संकट में डाल सकता है। आजकल चेक फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और जरा सी लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए, बेहतर यही है कि कोई भी बैंकिंग दस्तावेज भरने या साइन करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं और जरूरत पड़ने पर बैंक से सलाह जरूर लें।

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सलाहें किसी वित्तीय या कानूनी राय का विकल्प नहीं हैं। चेक या बैंकिंग से जुड़े किसी भी निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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