Bank License Cancelled – अगर आपका खाता HCBL Co-operative Bank, लखनऊ में है, तो ये खबर जरूर पढ़िए। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक का लाइसेंस अचानक रद्द कर दिया है और इसकी सभी बैंकिंग सेवाएं भी तत्काल प्रभाव से रोक दी गई हैं। वजह? कमजोर वित्तीय स्थिति, नियमों की अनदेखी और जमाकर्ताओं के पैसों पर बढ़ता खतरा।
बैंक का लाइसेंस क्यों हुआ रद्द?
RBI के मुताबिक HCBL कोऑपरेटिव बैंक लगातार बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 का उल्लंघन कर रहा था। बैंक की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी – न पूंजी बची थी, न मुनाफे की कोई उम्मीद। ऊपर से बैंक का एनपीए (Non Performing Assets) यानी डूबा हुआ कर्ज भी बढ़ता जा रहा था। इन हालात में RBI को लगा कि जमाकर्ताओं का पैसा खतरे में है, इसलिए बिना देर किए लाइसेंस रद्द कर दिया गया।
क्या ग्राहकों का पैसा डूबेगा?
बिलकुल नहीं! राहत की बात ये है कि DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है। यानी अगर आपके खाते में 5 लाख या उससे कम हैं, तो वो पैसा आपको मिलेगा ही मिलेगा। RBI ने खुद कहा है कि HCBL बैंक के 98.69% खाताधारकों को उनका पूरा पैसा मिल जाएगा।
बीमा भुगतान की क्या स्थिति है?
RBI की निगरानी में DICGC ने अब तक करीब ₹21.24 करोड़ का भुगतान भी कर दिया है। बाकी ग्राहकों को भी जल्द ही पैसा मिल जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में बैंक का परिसमापक यानी Liquidator मदद करेगा – वही शख्स जो बैंक की संपत्तियों का हिसाब रखेगा और बकाया रकम लौटाएगा।
परिसमापन प्रक्रिया क्या होती है?
जब कोई बैंक बंद होता है, तो सरकार या RBI उस बैंक की संपत्तियों को बेचकर ग्राहकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू करती है। इसे ही “परिसमापन” कहा जाता है। इसमें सबसे पहले जमाकर्ताओं, फिर कर्मचारियों, और आखिर में अन्य लेनदारों को भुगतान किया जाता है। HCBL के मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
छोटे बैंकों के लिए सबक
HCBL के बंद होने से ये साफ हो गया है कि अगर कोई बैंक RBI के नियमों को हल्के में लेता है, तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होता। देश में ऐसे कई छोटे सहकारी बैंक हैं जो प्रोफेशनल तरीके से काम नहीं करते, तकनीकी रूप से पिछड़े हैं और जिनका प्रबंधन अनुभवहीन है। ऐसे बैंकों को अपने सिस्टम को सुधारना बहुत जरूरी है।
ग्राहक क्या करें?
- बड़ी रकम एक ही बैंक में न रखें, उसे अलग-अलग सुरक्षित बैंकों में बांटें।
- अगर आप किसी सहकारी या छोटे बैंक में खाता खोलते हैं, तो पहले उसकी RBI से मान्यता जरूर चेक करें।
- हमेशा बैंक की वित्तीय स्थिति पर नजर रखें।
- समय-समय पर पासबुक अपडेट कराते रहें और बैंकिंग ऐप्स का इस्तेमाल करें।
RBI की सख्ती क्यों जरूरी है?
इस कदम से RBI ने एक बार फिर दिखा दिया कि वो बैंकिंग सेक्टर की निगरानी में कोई ढिलाई नहीं बरतता। जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसे सख्त कदम उठाना जरूरी है। इससे बाकी बैंकों को भी सख्त चेतावनी मिलती है कि अगर गड़बड़ी की, तो बचना मुश्किल होगा।
अगर आपका खाता HCBL बैंक में है, तो घबराएं नहीं। आपका पैसा DICGC के तहत सुरक्षित है। बस थोड़ी सी प्रक्रिया का इंतजार कीजिए और बैंक या उसकी वेबसाइट से अपडेट लेते रहिए। ये फैसला ग्राहकों की सुरक्षा के लिए लिया गया है – और इसका मकसद है देश की बैंकिंग प्रणाली को और मजबूत और पारदर्शी बनाना।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी बैंकिंग निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें। भुगतान प्रक्रिया और समयसीमा परिसमापक और DICGC की नीति के अनुसार तय की जाती है।