4 आदतें जो करते हैं आपका CIBIL स्कोर कम! ये ट्रिक करें और स्कोर तुरंत सुधारें CIBIL Score

By Prerna Gupta

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CIBIL Score

CIBIL Score – आज के समय में CIBIL Score (सिबिल स्कोर) यानी क्रेडिट स्कोर हर उस इंसान के लिए जरूरी हो गया है जो लोन या क्रेडिट कार्ड लेना चाहता है। बैंक या किसी भी फाइनेंशियल कंपनी से जब भी आप कोई लोन या कार्ड लेने जाते हैं, तो सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर ही चेक किया जाता है। यह स्कोर बताता है कि आप कितने भरोसेमंद हैं और कितनी अच्छी तरह से आपने पहले अपने कर्ज चुकाए हैं।

अगर आपका स्कोर अच्छा है तो लोन आसानी से मिल जाता है, वो भी कम ब्याज दर पर। लेकिन अगर स्कोर कम है तो न सिर्फ लोन मिलने में दिक्कत आती है, बल्कि ब्याज दर भी बहुत ज्यादा हो सकती है। ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि आपका सिबिल स्कोर क्यों गिरता है और किन बातों का ध्यान रखने से आप इस गिरावट से बच सकते हैं।

1. समय पर लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान न करना

यह सबसे आम और बड़ा कारण है स्कोर गिरने का। जब आप अपनी EMI या क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाते, तो यह सीधे तौर पर आपके स्कोर को प्रभावित करता है। कई बार लोग सोचते हैं कि ₹500-₹1000 की देरी कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सच्चाई यह है कि इतनी छोटी चूक से भी आपका स्कोर 50 से 100 पॉइंट तक गिर सकता है। बार-बार देरी करने से बैंक को यह संकेत जाता है कि आप अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते।

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2. क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल

अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो यह भी आपके स्कोर को गिरा सकता है। मान लीजिए आपकी कार्ड लिमिट ₹1 लाख है और आप हर महीने ₹70-80 हजार तक खर्च कर देते हैं, तो बैंक को लग सकता है कि आप जरूरत से ज्यादा कर्ज पर निर्भर हैं। इससे यह शक पैदा होता है कि आप भविष्य में डिफॉल्ट कर सकते हैं, और इसी शक के चलते आपका स्कोर प्रभावित हो जाता है।

3. बार-बार नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना

कई लोग एक साथ कई क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए अप्लाई कर देते हैं, ताकि किसी एक से तो अप्रूवल मिल ही जाए। लेकिन हर बार जब आप नया लोन या कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर एक हार्ड इंक्वायरी करता है। ज्यादा बार हार्ड इंक्वायरी होने से स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ता है। ये संकेत देता है कि आप फाइनेंशियल स्ट्रेस में हैं और बार-बार लोन लेने की कोशिश कर रहे हैं।

4. क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी या पुराने डेटा की गलती

कई बार आपने लोन चुका दिया होता है, लेकिन रिपोर्ट में वह अपडेट नहीं होता। या फिर आपके नाम से कोई गलत जानकारी जुड़ जाती है, जैसे किसी और के बकाया का आपके स्कोर पर असर पड़ना। ये गलतियां छोटी लग सकती हैं, लेकिन इनका असर बड़ा होता है। इसलिए साल में एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें और अगर कोई गड़बड़ी हो तो तुरंत उसे सही करवाएं।

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अन्य कारण जो स्कोर को कर सकते हैं खराब

इसके अलावा भी कुछ और आदतें हैं जो आपके स्कोर को धीरे-धीरे नीचे गिरा सकती हैं। जैसे अगर आपके ऊपर पहले से ही बहुत सारा लोन है और आपने अभी तक उसे चुकाया नहीं है, तो बैंक को ये चिंता हो सकती है कि आप ज्यादा लोन को संभाल नहीं पाएंगे। अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है यानी आपने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया, तो भी आपका स्कोर कम रह सकता है क्योंकि बैंक को आपके फाइनेंशियल बिहेवियर का अंदाजा नहीं होता। अगर आपने सिर्फ पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड जैसे अनसिक्योर्ड लोन लिए हैं और कोई होम या ऑटो लोन नहीं लिया, तो भी स्कोर पर असर पड़ता है। साथ ही अगर आप बार-बार क्रेडिट कार्ड खोलते और बंद करते रहते हैं, तो बैंक को लगता है कि आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में स्थिर नहीं हैं।

सिबिल स्कोर खराब होने के नुकसान

अगर आपका सिबिल स्कोर कम है तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आ सकती है। आपको ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है और हो सकता है कि आपको मनचाहा लोन अमाउंट भी न मिले। कई बार प्रीमियम क्रेडिट कार्ड या अच्छे ऑफर्स भी नहीं मिलते। और सबसे बड़ी बात – भविष्य में अगर आप घर या गाड़ी के लिए लोन लेना चाहें तो भी परेशानी हो सकती है।

सिबिल स्कोर कैसे सुधारे?

अपना स्कोर बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप सभी EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर भरें। अपनी क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल न करें, कोशिश करें कि 30% से ज्यादा न जाएं। बार-बार नए लोन या कार्ड के लिए आवेदन करने से बचें। हर साल कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें और अगर कोई गलती हो तो उसे सही करवाएं। पुराने लोन या कार्ड को बंद करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह आपकी रिपोर्ट में अपडेट हो गया है। साथ ही, सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का बैलेंस बनाकर रखें ताकि आपकी प्रोफाइल मजबूत दिखे।

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सिबिल स्कोर कैसे बनता है?

CIBIL स्कोर कई फैक्टर पर निर्भर करता है। इसमें आपकी पेमेंट हिस्ट्री का सबसे ज्यादा वजन होता है यानी करीब 30 से 35 प्रतिशत। उसके बाद आता है क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, जो लगभग 25 से 30 प्रतिशत होता है। इसके अलावा, आपके पास कितने तरह के लोन हैं (क्रेडिट मिक्स) और वो कितने समय से हैं, इसका भी 20 से 25 प्रतिशत असर पड़ता है। बाकी 15 से 20 प्रतिशत असर होता है हार्ड इंक्वायरी और नए अकाउंट्स का।

CIBIL स्कोर आपकी आर्थिक स्थिति और आपकी उधार चुकाने की आदतों का आईना होता है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं करते, बहुत ज्यादा कर्ज लेते हैं, बार-बार नए लोन या कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं या आपकी रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी है, तो यह सब मिलकर आपके स्कोर को खराब कर सकते हैं। इन आदतों से बचकर और थोड़ी समझदारी से काम लेकर आप अपना स्कोर बेहतर बना सकते हैं, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेना आसान हो जाएगा।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी वित्तीय सलाह नहीं मानी जानी चाहिए। किसी भी तरह का लोन लेने या क्रेडिट स्कोर सुधारने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श जरूर लें।

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