Income Tax New Rule – जब भी इनकम टैक्स विभाग किसी व्यक्ति या कंपनी के यहां छापा मारता है और भारी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी या अन्य कीमती सामान जब्त करता है, तो आम लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि आखिर वह सामान कहां जाता है और उससे क्या किया जाता है। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इनकम टैक्स के छापे में पकड़ी गई संपत्ति का पूरा प्रबंधन और प्रक्रिया किस तरह होती है। इस लेख में हम आपको विस्तार से समझाएंगे कि इनकम टैक्स रेड के दौरान कैश और प्रॉपर्टी का क्या होता है, संबंधित व्यक्ति के अधिकार क्या हैं, और पूरे मामले की प्रक्रिया कैसे चलती है।
टैक्स चोरी या काला धन जमा करने पर आती है रेड
आयकर विभाग तब रेड करता है जब किसी व्यक्ति की आमदनी और टैक्स रिटर्न में अंतर मिलता है या कोई शक होता है कि वह टैक्स चोरी कर रहा है। इसके अलावा काला धन जमा करने, फर्जी तरीके से टैक्स बचाने, या किसी अवैध गतिविधि की सूचना मिलने पर विभाग छापेमारी करता है। यह कार्रवाई आयकर कानून की धारा 132 के तहत की जाती है। रेड एक गुप्त और अचानक प्रक्रिया होती है ताकि आरोपी के पास बचाव का कोई मौका न हो। विभाग की टीम इस काम में पूरी गुप्तता बरतती है और रेड के स्थान व समय को ज्यादा से ज्यादा छिपाकर रखती है।
रेड का समय और प्रक्रिया
आयकर विभाग की टीम आमतौर पर सुबह बहुत जल्दी या रात में देर से छापा मारती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि संबंधित व्यक्ति या उसके कर्मचारी पूरी तरह से तैयारी न कर पाएं। टीम अपने साथ छापे का वैध वारंट लेकर जाती है, जो छापेमारी शुरू होने से पहले दिखाना जरूरी होता है। रेड के दौरान घर, ऑफिस या व्यवसायिक परिसर में मौजूद लोगों को बाहर निकलने या अंदर आने की अनुमति नहीं होती। इसके साथ ही पुलिस या सुरक्षा कर्मी भी टीम के साथ मौजूद रहते हैं ताकि कार्य में बाधा न आए। छापेमारी कितनी भी देर तक चल सकती है, और टीम को हर व्यक्ति की तलाशी लेने का अधिकार होता है।
संबंधित व्यक्ति के अधिकार
यह गलतफहमी आम है कि रेड के दौरान संबंधित व्यक्ति के कोई अधिकार नहीं होते, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। उस व्यक्ति को आयकर विभाग के अधिकारियों से वारंट और पहचान पत्र दिखाने का अधिकार होता है। इसके अलावा, महिला कर्मचारियों को ही महिला की तलाशी लेने का अधिकार है, पुरुष कर्मचारी महिला की तलाशी नहीं ले सकते। यह नियम महिलाओं के सम्मान और निजता को बनाए रखने के लिए जरूरी है। रेड के दौरान व्यक्ति को यह भी अधिकार होता है कि वह किसी भी अवैध कार्रवाई के खिलाफ शिकायत कर सके।
जब्त सामान का रिकॉर्ड और उसकी प्रकिया
आयकर विभाग की टीम जब छापा मारती है, तो वहां मौजूद कैश, सोना-चांदी, या अन्य कीमती सामान का पूरा रिकॉर्ड बनाया जाता है। अगर वह सामान पहले से ही आयकर रिटर्न में सही तरीके से दिखाया गया हो, तो उसे जब्त नहीं किया जाता। साथ ही, व्यवसाय के लिए रखे गए स्टॉक या माल को भी जब्त नहीं किया जाता, बल्कि उसका रिकॉर्ड और संबंधित दस्तावेज़ ही ले लिए जाते हैं। इसका मकसद व्यापार को प्रभावित किए बिना टैक्स चोरी पर कार्रवाई करना होता है।
जब्त माल और कैश का क्या होता है?
जब आयकर विभाग छापेमारी करके कोई कैश या कीमती सामान जब्त करता है, तो वह सामान जांच के लिए विभाग के नियंत्रक के पास भेजा जाता है। इसके बाद उस संपत्ति की वैल्यू निर्धारित की जाती है और टैक्स चोरी की राशि का आकलन किया जाता है। तय की गई टैक्स राशि को उस कैश या सामान में से काट लिया जाता है। यदि कुछ रकम या सामान बचता है, तो वह संबंधित व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि टैक्स चोरी करने वालों को सजा मिले, लेकिन गैर जुर्म वाले माल को नुकसान न पहुंचे।
रेड के दौरान क्या किया जा सकता है और क्या नहीं?
रेड के दौरान अधिकारियों को संबंधित व्यक्ति के कारोबार या घर से सबूत जुटाने का अधिकार होता है, परन्तु वे बिना वजह किसी सामान को जब्त नहीं कर सकते। केवल वही माल जब्त किया जाता है जो टैक्स चोरी से जुड़ा हो या जिसकी वैधता पर सवाल हो। रेड के दौरान कैश, ज्वैलरी, डाक्यूमेंट्स की जांच की जाती है और आवश्यक कागजात भी जब्त किए जा सकते हैं। लेकिन याद रखें कि यदि कोई सामान पहले से ही टैक्स रिटर्न में दिखाया गया हो, तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता।
छापे के बाद की प्रक्रिया
रेड पूरी होने के बाद विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजता है, जिसमें टैक्स चोरी के आरोप और आवश्यक भुगतान की राशि का उल्लेख होता है। यदि संबंधित व्यक्ति वैध कारण बताता है और सबूत प्रस्तुत करता है, तो मामले की समीक्षा होती है। लेकिन अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो उसे जुर्माना और ब्याज सहित टैक्स जमा करना पड़ता है। रेड के बाद भी संबंधित व्यक्ति को कानूनी अधिकार प्राप्त होते हैं और वह कोर्ट में अपील भी कर सकता है।
इनकम टैक्स रेड से जुड़ी आम गलतफहमियां
कई लोग सोचते हैं कि रेड के दौरान उनकी सारी संपत्ति जब्त हो जाएगी या वे जेल चले जाएंगे, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। यदि आप सही टैक्स भरते हैं और अपनी आय को सही तरीके से दिखाते हैं, तो आपको कोई डरने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स विभाग का मकसद टैक्स चोरी रोकना है, न कि बेवजह लोगों को परेशान करना। इसलिए सही दस्तावेज रखना और सभी कानूनी नियमों का पालन करना सबसे जरूरी होता है।
इनकम टैक्स की रेड एक गंभीर प्रक्रिया है, जो टैक्स चोरी रोकने के लिए की जाती है। छापे के दौरान जब्त किए गए कैश और सामान को जांच के बाद विभाग के खाते में जमा कर लिया जाता है, और उससे टैक्स की राशि काटी जाती है। बची हुई रकम या माल वापस संबंधित व्यक्ति को दिया जाता है। इस पूरे प्रोसेस में संबंधित व्यक्ति के अधिकारों का भी ख्याल रखा जाता है, जिससे कानून का सही पालन हो सके। इसलिए यदि आपकी कमाई और टैक्स रिटर्न में सही तालमेल है, तो इनकम टैक्स रेड से डरने की जरूरत नहीं है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे कानूनी सलाह के तौर पर न लिया जाए। किसी विशेष मामले में कृपया चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।