Indian Citizenship Documents – भारत में जब भी पहचान या दस्तावेज़ की बात होती है, तो सबसे पहले आधार कार्ड और पैन कार्ड का नाम आता है। लेकिन अब वक्त बदल गया है। सरकार की ओर से इशारा मिला है कि अब सिर्फ आधार या पैन कार्ड से आपकी भारतीय नागरिकता साबित नहीं होगी। तो अब सवाल उठता है कि आखिर कौन से दो दस्तावेज़ हैं जो आपकी नागरिकता का असली सबूत बनेंगे?
आधार और पैन क्यों नहीं माने जाएंगे नागरिकता के सबूत?
आधार कार्ड और पैन कार्ड हर किसी के पास होते हैं, और इनका इस्तेमाल बैंकिंग, मोबाइल सिम, स्कूल एडमिशन, सरकारी योजनाओं और तमाम जगहों पर होता है। लेकिन ये दोनों दस्तावेज़ आपकी नागरिकता को साबित नहीं करते। दरअसल, आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान संख्या है जो भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को दी जा सकती है – चाहे वो भारतीय नागरिक हो या नहीं। यहां तक कि विदेशियों और प्रवासियों को भी कुछ शर्तों के तहत आधार मिल सकता है।
वहीं पैन कार्ड, आयकर विभाग द्वारा जारी होता है और इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स से जुड़े मामलों को रिकॉर्ड करना होता है। यह भी सिर्फ एक फाइनेंशियल पहचान है, नागरिकता का प्रमाण नहीं।
अब कौन से दस्तावेज़ होंगे जरूरी?
सरकार के अनुसार अब भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए दो ही दस्तावेज़ काम आएंगे – पहला, जन्म प्रमाण पत्र और दूसरा, नागरिकता प्रमाण पत्र। यही दो दस्तावेज़ अब आपकी असली नागरिक पहचान बनेंगे। अगर आपके पास इनमें से कोई नहीं है, तो भविष्य में पासपोर्ट, सरकारी नौकरी या किसी भी सरकारी लाभ के लिए मुश्किल हो सकती है।
जन्म प्रमाण पत्र क्यों है इतना जरूरी?
जन्म प्रमाण पत्र एक सरकारी दस्तावेज़ होता है जो यह साबित करता है कि आप भारत में पैदा हुए हैं। इसमें आपकी जन्मतिथि, जन्मस्थान और माता-पिता का नाम होता है। यह नगर निगम, ग्राम पंचायत या नगरपालिका जैसी संस्थाओं द्वारा जारी किया जाता है। यह आपके भारत में जन्म की पुष्टि करता है, जिससे आपकी नागरिकता भी सिद्ध होती है।
नागरिकता प्रमाण पत्र किन्हें लेना चाहिए?
अगर आप या आपके पूर्वज भारत के बाहर से आए थे – जैसे कि पाकिस्तान, बांग्लादेश या अन्य किसी देश से – और आपने भारत में नागरिकता के लिए आवेदन किया है, तो आपके पास नागरिकता प्रमाण पत्र होना जरूरी है। यह प्रमाण पत्र गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और यह दर्शाता है कि आपने वैध प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त की है।
असल जिंदगी के कुछ उदाहरण
मान लीजिए कि सीतामढ़ी (बिहार) के रमेश यादव पासपोर्ट बनवाने गए। उनके पास आधार और पैन कार्ड तो थे, लेकिन जब पासपोर्ट ऑफिस में उनसे जन्म प्रमाण पत्र मांगा गया, तो वे अचकचा गए क्योंकि उनके पास वो दस्तावेज़ नहीं था। फिर उन्हें नगर निगम से यह बनवाना पड़ा और इसमें काफी समय लग गया।
दूसरी तरफ, दिल्ली की सीमा चौधरी का परिवार 1971 में बांग्लादेश से आया था। जब सीमा ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन दिया, तो उनसे नागरिकता प्रमाण पत्र मांगा गया। यह दस्तावेज़ देने के बाद ही उनकी फाइल आगे बढ़ सकी।
आम लोगों को अब क्या करना चाहिए?
अगर आपके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, तो इसे तुरंत बनवाएं। इसके लिए आपको अपने नजदीकी नगर निगम या पंचायत कार्यालय जाना होगा। अगर आपके पूर्वज भारत के बाहर से आए थे, तो नागरिकता प्रमाण पत्र बनवाना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बच्चों के लिए जन्म के समय ही प्रमाण पत्र बनवाएं और उसकी एक से ज्यादा कॉपी (डिजिटल और हार्ड) रखें। भविष्य में यह दस्तावेज़ न सिर्फ जरूरी होगा, बल्कि आपकी पहचान और अधिकार का आधार भी बनेगा।
दस्तावेज़ बनवाने की प्रक्रिया आसान है
जन्म प्रमाण पत्र के लिए आपको अस्पताल का रिकॉर्ड, माता-पिता की आईडी जैसे कागज़ात देने होते हैं। आमतौर पर 7 से 15 दिन में यह बनकर तैयार हो जाता है और इसकी फीस ₹20 से ₹100 के बीच होती है। वहीं नागरिकता प्रमाण पत्र के लिए थोड़ा वक्त और मेहनत ज्यादा लगती है – इसकी प्रोसेस में 1 से 3 महीने लग सकते हैं और फीस लगभग ₹500 से ₹1000 तक होती है।
व्यक्तिगत अनुभव से सबक
मेरे एक करीबी दोस्त को कनाडा का वीज़ा लेने में दिक्कत आई क्योंकि उन्होंने केवल आधार और पैन दिया था। जब एजेंसी ने जन्म प्रमाण पत्र मांगा, तब जाकर उन्हें यह दस्तावेज़ बनवाना पड़ा। इस चक्कर में उन्हें एक महीना और इंतज़ार करना पड़ा। तभी मुझे भी एहसास हुआ कि नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज़ कितने जरूरी हैं।
अब केवल आधार या पैन कार्ड होने से बात नहीं बनेगी। अगर आपको पासपोर्ट बनवाना है, सरकारी नौकरी चाहिए, या विदेश यात्रा की योजना है, तो आपके पास जन्म प्रमाण पत्र या नागरिकता प्रमाण पत्र जरूर होना चाहिए। वक्त रहते इन जरूरी दस्तावेज़ों को तैयार रखें ताकि भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
Disclaimer
यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी नीतियों में बदलाव के अनुसार बदल सकती है। कृपया किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ या निर्णय से पहले संबंधित सरकारी विभाग की वेबसाइट या प्राधिकृत स्रोत से पुष्टि अवश्य करें।