Private School Closed – हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के लिए एक बड़ी खबर है। राइट टू एजुकेशन (RTE) के नियमों के तहत हर प्राइवेट स्कूल को अब अपनी खाली सीटों की जानकारी 23 मई तक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। ये नियम इसीलिए बनाए गए हैं ताकि सरकार जान सके कि स्कूलों में कितनी खाली सीटें हैं और उन पर दाखिला देने की प्रक्रिया पूरी पारदर्शी हो। हालांकि, पहले ही 3134 निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया जा चुका है क्योंकि उन्होंने अपनी खाली सीटों की जानकारी नहीं दी थी। अब विभाग ने इन स्कूलों को एक आखिरी मौका देते हुए पोर्टल फिर से खोल दिया है ताकि वे समय रहते जानकारी दें।
स्कूलों को मिली अंतिम चेतावनी, अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं
इस मामले में शिक्षा विभाग पूरी तरह सख्त हो चुका है। 23 मई के बाद अगर कोई भी प्राइवेट स्कूल अपनी खाली सीटों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी स्कूल इस मामले में ढिलाई नहीं कर सकता। पहले भी कई बार चेतावनियां दी गईं, लेकिन हजारों स्कूल अभी भी इस नियम का पालन करने में नाकाम रहे हैं। सरकार की मंशा साफ है कि जो भी स्कूल नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
हजारों स्कूलों ने अभी तक नहीं दी जानकारी
प्रदेश के कुल मिलाकर 2606 निजी स्कूल अब भी आरटीई एक्ट के तहत अपनी खाली सीटों की जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं दे पाए हैं। यह आंकड़ा बताता है कि कितनी बड़ी संख्या में स्कूल इस मामले को नजरअंदाज कर रहे हैं। विभाग बार-बार स्कूलों को पत्र लिखकर और नोटिस भेजकर जानकारी देने के लिए कह रहा है, लेकिन स्कूल अब तक चुप हैं। इस कारण सरकार अब जल्द ही कठोर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है ताकि सभी स्कूल नियमों के दायरे में आएं।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई की योजना
शिक्षा विभाग ने अपनी कार्रवाई की पूरी योजना तैयार कर ली है। नोटिस न मानने वाले स्कूलों पर जल्द कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इस कार्रवाई में जुर्माना लगाया जाना तो तय है, साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो ऐसे स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है। विभाग का मकसद सिर्फ नियम लागू करना है ताकि बच्चों का अधिकार सुरक्षित रहे और शिक्षा का स्तर बेहतर हो। इस बार विभाग ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी स्कूल को नहीं बख्शा जाएगा।
RTE के तहत सरकार करेगी खर्च की भरपाई
एक अच्छी बात यह है कि राइट टू एजुकेशन के नियमों के अनुसार, अगर कोई बच्चा इन प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेता है, तो सरकार उसके खर्च की प्रतिपूर्ति करेगी। इसका मतलब यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई का मौका मिलेगा और उनका खर्च सरकार उठाएगी। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी शर्त है कि स्कूल अपनी खाली सीटों की जानकारी सही तरीके से पोर्टल पर दें। तभी सरकार के पास सही आंकड़े होंगे और वे बच्चों को सहायता दे पाएंगे।
बिना मान्यता वाले स्कूल होंगे विशेष जांच के निशाने पर
सरकार को शक है कि जिन स्कूलों ने अभी तक अपनी सीटों की जानकारी नहीं दी है, उनमें से कई स्कूल बिना वैध मान्यता के चल रहे हैं। ऐसे स्कूल न केवल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकते हैं। अगर यह बात साबित होती है कि कोई स्कूल मान्यता के बिना काम कर रहा है, तो उन पर ताला लगाना भी शिक्षा विभाग के लिए विकल्प में शामिल है। पिछले कुछ वर्षों में भी कई ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसलिए अब स्थिति और गंभीर हो गई है।
किन जिलों के स्कूलों ने जानकारी नहीं दी?
प्रदेश के कई जिलों के स्कूलों ने अभी तक खाली सीटों की रिपोर्ट नहीं दी है। इनमें यमुनानगर के 123 स्कूल, अंबाला के 99, भिवानी के 101, चरखी दादरी के 31, फरीदाबाद के 290, फतेहाबाद के 102, गुरुग्राम के 216, हिसार के 197, झज्जर के 85, जींद के 65, कैथल के 88, करनाल के 213, कुरुक्षेत्र के 111, महेंद्रगढ़ के 107, नूंह (मेवात) के 69, पलवल के 120, पंचकूला के 42, पानीपत के 172, रेवाड़ी के 93, रोहतक के 86, सिरसा के 79 और सोनीपत के 117 स्कूल शामिल हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है और सभी स्कूलों को नियमों का पालन करने की जरूरत है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। प्राइवेट स्कूलों को 23 मई तक अपनी खाली सीटों की जानकारी पोर्टल पर देना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे सरकार न सिर्फ बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी बल्कि उन स्कूलों पर भी कड़ी नजर रखेगी जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। समय रहते सभी स्कूल अपनी जिम्मेदारी समझें और विभाग को पूरी जानकारी दें ताकि बच्चों के अधिकार सुरक्षित रह सकें।
Disclaimer
यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी समय के साथ बदल सकती है। किसी भी कानूनी या आधिकारिक कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या नोटिफिकेशन देखना आवश्यक है।