UPI पर बैलेंस चेक और ऑटो पे पर अब लगेगा लिमिट – जानिए नया UPI का नियम UPI New Limit

By Prerna Gupta

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UPI New Limit

UPI New Limit – अगर आप गूगल पे, फोनपे, पेटीएम या किसी भी UPI ऐप के ज़रिए लेनदेन करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। डिजिटल पेमेंट को आसान और सुरक्षित बनाने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI यूज़र्स के लिए कुछ नए नियमों का ऐलान किया है जो 31 जुलाई 2025 से लागू होने वाले हैं। इन नियमों के तहत अब बैलेंस चेक करना, ट्रांजेक्शन स्टेटस देखना और ऑटो पेमेंट करना पहले जैसा आसान नहीं रहेगा, क्योंकि इन सभी चीज़ों पर कुछ हद तक सीमाएं तय की गई हैं।

अब हर बार बैलेंस चेक नहीं कर पाएंगे

कई लोग दिनभर में कई बार अपना बैंक बैलेंस या ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक करते हैं। अब NPCI ने इसमें भी सीमा तय कर दी है। नए नियमों के मुताबिक, कोई भी यूजर एक दिन में सिर्फ 50 बार ही बैलेंस या ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक कर सकेगा। यानी अगर आपने 50 बार से ज्यादा ऐसा करने की कोशिश की, तो सिस्टम आपकी रिक्वेस्ट को ब्लॉक कर देगा और आप अगला चेक अगले दिन ही कर पाएंगे। यह बदलाव उन लोगों के लिए काफी अहम है जो हर छोटे-बड़े ट्रांजेक्शन के बाद तुरंत स्टेटस देखने की आदत में रहते हैं।

ऑटो पे सिर्फ नॉन पीक टाइम में ही होगा एक्टिव

ऑटो पे यानी अपने आप भुगतान की सुविधा अब हर समय उपलब्ध नहीं रहेगी। NPCI ने UPI के लिए पीक आवर्स तय कर दिए हैं, यानी ऐसे समय जब UPI पर सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन होते हैं। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 9:30 बजे तक का समय पीक टाइम के तौर पर घोषित किया गया है। इस दौरान ऑटो पेमेंट की सुविधा बंद रहेगी। यानी आप किसी भी सब्सक्रिप्शन, बिल पेमेंट या किसी भी ऑटोमेटिक ट्रांजेक्शन को इस समय नहीं कर पाएंगे। अगर आपने किसी भुगतान को शेड्यूल किया है, तो ध्यान रखें कि वह नॉन-पीक टाइम में हो।

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क्यों लाए गए ये नए नियम

अब सवाल ये उठता है कि NPCI ने ये बदलाव क्यों किए हैं? दरअसल, बैलेंस चेक और ट्रांजेक्शन स्टेटस जैसी सुविधाओं का अत्यधिक उपयोग UPI सिस्टम पर अतिरिक्त लोड डालता है। इससे असली और जरूरी ट्रांजेक्शन्स को प्रोसेस करने में देरी होती है, और कई बार ट्रांजेक्शन फेल भी हो जाते हैं। NPCI का कहना है कि इन नए नियमों का मकसद UPI सिस्टम की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना और डिजिटल लेनदेन को और ज्यादा सुरक्षित बनाना है। साथ ही, सिस्टम की स्पीड और भरोसे को बनाए रखना भी इसकी एक बड़ी वजह है।

यूजर्स को अब क्या करना चाहिए

अगर आप नियमित रूप से UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो अब आपको अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव लाना होगा। सबसे पहले तो कोशिश करें कि आप हर ट्रांजेक्शन के बाद स्टेटस चेक न करें। जब तक कोई दिक्कत न हो, ट्रांजेक्शन स्टेटस बार-बार देखने से बचें। बैलेंस चेक करने की आदत को भी थोड़ा कम करना होगा और तय लिमिट (50 बार) के अंदर ही इसका इस्तेमाल करना होगा। इसके अलावा, अगर आप कोई ऑटो पेमेंट शेड्यूल करते हैं, तो ध्यान रखें कि वो नॉन-पीक टाइम में ही सेट हो। और अगर आपको बहुत जरूरी नहीं है, तो पीक टाइम में ट्रांजेक्शन करने से बचें ताकि सिस्टम पर अनावश्यक लोड न पड़े और आपका लेनदेन बिना किसी अड़चन के हो जाए।

नए नियम कब से लागू होंगे

ये सारे बदलाव 31 जुलाई 2025 से लागू होंगे। यानी अभी आपके पास कुछ वक्त है अपनी डिजिटल पेमेंट हैबिट्स को सुधारने का। यदि आप UPI का स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करते हैं और NPCI के निर्देशों का पालन करते हैं, तो आप सिस्टम ब्लॉक या लेनदेन फेल होने जैसी परेशानियों से आसानी से बच सकते हैं।

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Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक समाचार स्रोतों एवं NPCI के संभावित अपडेट्स के आधार पर तैयार की गई है। कृपया लेनदेन से संबंधित किसी भी अहम निर्णय से पहले अपने बैंक या UPI ऐप की आधिकारिक वेबसाइट अथवा ग्राहक सेवा से संपर्क कर लें। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव है।

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