पति की मर्जी के बिना पत्नी बेच सकती है प्रॉपर्टी – प्रॉपर्टी बेचने पर आया कोर्ट का बड़ा फैसला! Wife Property Rights

By Prerna Gupta

Published On:

Wife Property Rights 2025

Wife Property Rights  – भारतीय समाज में एक आम धारणा है – “बीवी कुछ भी बेचे, तो पहले पति की इजाज़त ज़रूरी है।” लेकिन जनाब, ये अब बीते ज़माने की बात हो गई है! अगर प्रॉपर्टी पत्नी के नाम पर है, तो उसे बेचने, किराए पर देने या किसी और को ट्रांसफर करने के लिए किसी से पूछने की जरूरत नहीं है – यहां तक कि अपने पति से भी नहीं।

हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले ने इस बात को और भी साफ कर दिया है कि अगर संपत्ति महिला के नाम पर रजिस्टर्ड है, तो वो उसकी कानूनी मालकिन है और उसे कोई रोक-टोक नहीं कर सकता।

अगर प्रॉपर्टी दोनों के नाम पर है तो?

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अब बात करते हैं संयुक्त स्वामित्व की – यानी अगर प्रॉपर्टी पति और पत्नी दोनों के नाम पर है। तो ऐसे में मामला थोड़ा अलग होता है। ऐसे केस में दोनों की सहमति जरूरी होती है। कोई एक अकेले उस प्रॉपर्टी को न बेच सकता है और न ही ट्रांसफर कर सकता है। यानी मिलकर फैसला लेना होगा।

पति की प्रॉपर्टी पर पत्नी का क्या अधिकार है?

अक्सर ये सवाल पूछा जाता है – क्या पत्नी को पति की प्रॉपर्टी में कोई अधिकार है? जवाब है – पति के जीवित रहते नहीं, लेकिन अगर पति की मृत्यु हो जाती है तो पत्नी को कानूनी उत्तराधिकारी मानते हुए उसकी संपत्ति में हिस्सा मिलता है। खास बात यह है कि यह अधिकार पति की अर्जित और पैतृक दोनों तरह की संपत्ति पर लागू होता है।

तलाक या अलगाव की स्थिति में क्या होता है?

अगर पति-पत्नी अलग रह रहे हैं या तलाक की प्रक्रिया में हैं, तो पत्नी को गुजारा भत्ता (maintenance) मिल सकता है। इतना ही नहीं, अगर पत्नी कमा रही है और पति बेरोज़गार है, तो पति भी गुजारा भत्ता मांग सकता है। यह कानून लिंग समानता की दिशा में एक जरूरी कदम है।

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कब तय होता है संपत्ति पर अधिकार?

संपत्ति का स्वामित्व इस बात पर निर्भर करता है कि कब और कैसे वो खरीदी गई

  • अगर शादी से पहले खरीदी गई है, तो वो पूरी तरह से खरीदार की निजी संपत्ति मानी जाती है।
  • अगर शादी के बाद दोनों ने मिलकर पैसे दिए हैं, तो उनका अधिकार उस योगदान के अनुसार तय होता है।
  • अगर कोई चीज़ उपहार या विरासत में मिली है, तो वो सिर्फ उस व्यक्ति की होती है, जिसे वह मिली हो।

महिलाओं के संपत्ति अधिकार

भारतीय संविधान और कई कानूनी प्रावधान महिलाओं को पुरुषों के बराबर संपत्ति अधिकार देते हैं। इसका मतलब ये है कि महिलाएं खुद की संपत्ति खरीद सकती हैं, बेच सकती हैं, किराए पर दे सकती हैं और किसी को ट्रांसफर भी कर सकती हैं। ये अधिकार उनके पास कानूनी रूप से सुरक्षित हैं – चाहे वो शादीशुदा हों या नहीं।

कानूनी जानकारी से बच सकते हैं झगड़े

संपत्ति से जुड़ी कहानियां अक्सर कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाती हैं, जब हम कानूनी जानकारी के बिना कोई फैसला ले लेते हैं। इसीलिए अगर कोई संपत्ति संयुक्त स्वामित्व में है, तो लिखित सहमति लेना ज़रूरी है। और अगर कोई फैसला बड़ा हो – तो एक बार वकील से सलाह लेना समझदारी होती है।

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भारत का कानून – अब बराबरी की तरफ बढ़ रहा है

आज की तारीख में, भारतीय कानून और न्यायपालिका संपत्ति के मामलों में महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिलाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है। कई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी यही साबित करते हैं – अब महिलाएं संपत्ति की मालिक हैं, और उन्हें किसी की इजाज़त की ज़रूरत नहीं।

Disclaimer:

यह लेख भारतीय कानून और सार्वजनिक कोर्ट निर्णयों पर आधारित है। राज्य विशेष में कानूनी प्रक्रिया में अंतर हो सकता है। किसी भी संपत्ति विवाद या सौदे से पहले योग्य अधिवक्ता से सलाह जरूर लें ताकि आपका निर्णय सुरक्षित और कानूनी रूप से मजबूत हो।

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